केशव अग्रवाल की प्रेरणादायक यात्रा: पैनक्रिएटाइटिस से आयुर्वेद तक
मेरा नाम केशव अग्रवाल है, और मैं काशीपुर में रहता हूं। मेरी ज़िंदगी 2013 में एक गंभीर मोड़ पर आई, जब मुझे पहली बार पैनक्रिएटाइटिस (Pancreatitis) का पता चला। इसके बाद, अगले तीन सालों तक मुझे बार-बार अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। हर तीन-चार महीने में दर्द का एक भयंकर एपिसोड होता था, और मैं अक्सर आईवी फ्लूइड पर रहता था। अस्पताल में भर्ती होने की वजह से मेरी ज़िंदगी अस्त-व्यस्त हो गई थी।
पैनक्रिएटाइटिस और एलोपैथी का निराशाजनक इलाज
सितंबर 2016 तक, मुझे लगभग 10-11 बार अस्पताल में भर्ती होना पड़ा था। डॉक्टरों ने मुझे बताया कि पैनक्रिएटाइटिस का कोई स्थायी इलाज नहीं है। सर्जरी के माध्यम से शरीर के किसी भी डैमेज हुए हिस्से को हटाया जा सकता है, लेकिन यह बीमारी ठीक नहीं हो सकती थी। इसका इलाज सिर्फ दर्द को कम करने तक सीमित था। मेरी हालत हर बार और ज्यादा बिगड़ती जा रही थी, और डॉक्टरों के उपाय असफल हो रहे थे।
आयुर्वेद: नया रास्ता
2016 में एक दिन मैंने अखबार में आयुर्वेद के बारे में एक आर्टिकल पढ़ा, और पहली बार आयुर्वेद के इलाज पर मेरी नजरें रुकीं। शुरुआत में मुझे इस पर विश्वास नहीं था, लेकिन जैसे-जैसे मेरी स्थिति गंभीर होती जा रही थी, मैंने आयुर्वेदिक विशेषज्ञ से संपर्क किया। उन्होंने मुझे पूरी तरह से विश्वास दिलाया कि आयुर्वेद से पैनक्रिएटाइटिस का इलाज संभव है।
देहरादून का आयुर्वेदिक इलाज और बदलाव
आयुर्वेदिक इलाज के लिए मैंने देहरादून जाने का फैसला किया। वहां के डॉक्टर और स्टाफ ने मेरी पूरी देखभाल की। शुरुआत में मेरा वजन काफी कम हो गया था, लेकिन धीरे-धीरे मैं ठीक होने लगा। आयुर्वेदिक दवाइयों और उपचार के कारण मेरी सेहत में अद्भुत सुधार आया। अब, आठ साल बाद, मुझे ऐसा लगता है जैसे मैं कभी बीमार था ही नहीं।
आयुर्वेद ने बदल दी ज़िंदगी
आज, मैं पूरी तरह से स्वस्थ महसूस करता हूं और जीवन में एक नई उम्मीद के साथ जी रहा हूं। मेरा मानना है कि आयुर्वेद न सिर्फ शरीर की बीमारी को ठीक कर सकता है, बल्कि यह मानसिक स्थिति को भी बेहतर करता है। जहां एलोपैथी सिर्फ सर्जरी या दवाइयों के माध्यम से इलाज देती है, वहीं आयुर्वेद जड़ से इलाज करने की क्षमता रखता है।
साथ देने वाला भाई
इस यात्रा में मेरे बड़े भाई का समर्थन मेरी ताकत बना। उन्होंने हर कठिनाई में मेरा हौंसला बढ़ाया। वे हमेशा मेरे साथ खड़े रहे, और उनकी मदद से ही मैं इस कठिन दौर से निकल पाया।
आज, मैं अपनी सामान्य ज़िंदगी जी रहा हूं, और मुझे पूरा यकीन है कि आयुर्वेद ने ही मुझे एक नई दिशा दी है। आयुर्वेद का चमत्कार मेरे लिए एक सच्चाई बन गया है, और मैं चाहता हूं कि मेरी कहानी दूसरों के लिए प्रेरणा का स्रोत बने।