भास्कर, जो उत्तराखंड पुलिस में सब इंस्पेक्टर हैं, पिछले एक साल से पैनक्रिएटाइटिस जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे, लेकिन अब लगभग ठीक हो चुके हैं। मई 2023 में उन्हें पेट में हल्का दर्द महसूस हुआ, जिसे उन्होंने गैस समझा, लेकिन स्थिति बिगड़ने पर डॉक्टर ने पैनक्रिएटाइटिस का पता चलने पर उन्हें तत्काल इलाज शुरू किया। कई अस्पतालों और इलाज के बावजूद, दर्द और समस्या बढ़ती गई। मेदांता और मैक्स अस्पतालों में इलाज कराए जाने के बाद भी स्थिति में कोई खास सुधार नहीं हुआ।
भास्कर का कहना है कि उनकी बीमारी पहले से ही बढ़ चुकी थी, लेकिन समय पर इसका निदान नहीं हो सका। पैनक्रिएटाइटिस से लड़ाई में उनका वजन 94 किलो से घटकर 68 किलो हो गया। अंततः, उन्हें आयुर्वेदिक इलाज के लिए “पड़ाव” जाने की सलाह मिली। पड़ाव में वैद्य शिखा के मार्गदर्शन में इलाज शुरू हुआ, और 21 दिनों में भास्कर को पर्याप्त राहत मिली। उन्होंने कहा कि पड़ाव का इलाज ऐलोपैथी से कहीं बेहतर था।
भास्कर ने यह भी बताया कि बीमारी के बारे में पहले पता होता तो वह बेहतर देखभाल कर पाते, क्योंकि पुलिस की नौकरी में समय की कमी के कारण खानपान पर ध्यान नहीं जा पाता था। उन्होंने परिवार और पुलिस विभाग के सहयोग को सराहा, जो उनकी मुश्किल घड़ी में साथ खड़े रहे। अब, भास्कर की स्थिति स्थिर है और उन्हें उम्मीद है कि आयुर्वेद के जरिए पूरी तरह ठीक हो सकेंगे।