जसविंदर सिंह

रतनपुरा के 45 वर्षीय जसविंदर सिंह, एक छोटे से गाँव में पेट्रोल पंप चलाने वाले व्यवसायी, ने अपने जीवन में पैंक्रिएटाइटिस जैसी गंभीर बीमारी से लड़ाई लड़ी। यह लड़ाई सिर्फ शारीरिक ही नहीं थी, बल्कि मानसिक और भावनात्मक स्तर पर भी उन्हें तोड़ चुकी थी। उनकी कहानी 2007 में शुरू होती है, जब उन्हें पहली बार इस बीमारी का सामना करना पड़ा। लेकिन यह यात्रा केवल एक वर्ष की नहीं थी, बल्कि लगभग 5 साल तक चलने वाले संघर्ष और उपचार की कहानी है, जिसमें उन्होंने 20 से ज्यादा बार डॉक्टरों और अस्पतालों के चक्कर लगाए।

शुरुआत का दर्द: अस्पताल में पहली मुलाकात
जसविंदर का पहला हमला 2007 में हुआ। दर्द इतना तीव्र था कि उन्हें सीधे अस्पताल में भर्ती करना पड़ा। वहाँ, डॉक्टरों ने उन्हें 7 दिन तक सिर्फ सोडा और तरल पदार्थ दिए, जबकि उनका खाना-पीना पूरी तरह बंद कर दिया गया। वह बताते हैं, “यह 7 दिन मेरी जिंदगी के सबसे मुश्किल दिन थे। भूख, दर्द और मानसिक तनाव हर पल मुझे तोड़ रहा था।” लेकिन यह केवल शुरुआत थी। अगले दो सालों में (2008 और 2009) उन्हें 6 बार पैंक्रिएटाइटिस के अटैक आए। हर बार उनका दर्द पहले से अधिक गंभीर हो जाता था।

बड़े अस्पतालों की दौड़: जांच और भ्रम
जब बार-बार समस्या गंभीर होती गई, तो जसविंदर ने दिल्ली के एक बड़े अस्पताल का रुख किया। वहाँ, डॉक्टरों ने उनकी एंडोस्कोपी और 10 अन्य टेस्ट किए, लेकिन कोई ठोस नतीजा नहीं निकला। डॉक्टरों ने उन्हें शुगर से एलर्जी होने का शक जताया, जबकि कुछ ने उनके शराब पीने की आदत पर सवाल उठाए। जसविंदर ने हर बार यह स्पष्ट किया कि उन्होंने कभी शराब को हाथ तक नहीं लगाया।

“डॉक्टरों ने मुझे एक बार कहा कि शायद आपकी बीमारी का कारण लाइफस्टाइल या खान-पान है। लेकिन मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मैंने ऐसा कौन सा गलत कदम उठाया,” जसविंदर बताते हैं।

इस बीच, उन्होंने लगभग 1.5 लाख रुपये बड़े अस्पतालों में इलाज और जांचों पर खर्च कर दिए। हर बार जब कोई ठोस इलाज नहीं मिलता, उनकी उम्मीद और कमजोर होती जाती।

भयावह दर्द के क्षण
जसविंदर के लिए सबसे दर्दनाक क्षण वह था, जब एक दिन भयानक दर्द ने उन्हें मानसिक रूप से तोड़ दिया। वह याद करते हैं, “दर्द इतना असहनीय था कि मैंने लोकल डॉक्टर से कहा, ‘कोई ऐसा इंजेक्शन दे दो, जो मुझे इस दर्द से हमेशा के लिए मुक्ति दिला दे।’ इस पल ने मेरी आत्मा को हिला दिया। मैं सिर्फ अपने दर्द से नहीं, बल्कि अपने परिवार की परेशानियों को देखकर भी टूट रहा था।”

जड़ की तलाश: वैद्यजी की तरफ रुख
2010 में, जसविंदर की मुलाकात पड़ाव के वैद्यजी से हुई। यह उनके जीवन का टर्निंग पॉइंट साबित हुआ। जसविंदर को रास्ते में एक बार फिर दर्द का भयानक दौरा पड़ा। उनके भाई ने उन्हें सीधे पड़ाव अस्पताल ले जाया, जहाँ वैद्यजी ने शहद और मलाई के साथ एक आयुर्वेदिक दवा दी। यह राहत तुरंत महसूस हुई।

“पहली बार मुझे ऐसा लगा कि दर्द को केवल दबाया नहीं जा रहा, बल्कि इसे खत्म करने की कोशिश की जा रही है,” जसविंदर कहते हैं। वैद्यजी ने न केवल दवा दी, बल्कि उन्हें एक साल का कोर्स सुझाया। यह कोर्स आयुर्वेदिक चिकित्सा पर आधारित था, जिसमें बीमारी को जड़ से ठीक करने पर जोर दिया गया।

सकारात्मक बदलाव: उम्मीद की नई किरण
वैद्यजी के इलाज के बाद जसविंदर का जीवन पूरी तरह बदल गया। उन्होंने पूरे एक साल तक उनका सुझाया कोर्स किया। अब वह पूरी तरह स्वस्थ हैं। जसविंदर बताते हैं, “पहले मैं नॉनवेज नहीं खा पाता था, लेकिन अब मैं इसे आराम से खा सकता हूँ।”

इस कोर्स के दौरान, जसविंदर ने लगभग 60,000 रुपये खर्च किए, जो बड़े अस्पतालों में खर्च किए गए पैसे की तुलना में बहुत कम थे। लेकिन इस खर्च ने उन्हें सिर्फ शारीरिक रूप से ही नहीं, बल्कि मानसिक रूप से भी राहत दी।

जसविंदर की सलाह: दूसरों के लिए प्रेरणा
अब जसविंदर सिर्फ अपनी जिंदगी नहीं जी रहे, बल्कि वह दूसरों को भी प्रेरित कर रहे हैं। वह बताते हैं, “मेरे पास पंजाब और आसपास के इलाकों से हर महीने 8-10 लोग सलाह लेने आते हैं। मैं हर किसी को यही कहता हूँ कि अगर आपको पैंक्रिएटाइटिस की समस्या है, तो पड़ाव जाकर वैद्यजी से मिलें। वे भगवान के समान हैं।”

आज जसविंदर पूरी तरह से स्वस्थ हैं। उन्होंने यह दिखाया कि कैसे सही इलाज और सकारात्मक सोच से किसी भी मुश्किल को पार किया जा सकता है। उनकी इस कहानी ने अब तक 50 से अधिक मरीजों को पड़ाव जाने के लिए प्रेरित किया है।

आर्थिक और मानसिक संतुलन
इस पूरी यात्रा में जसविंदर ने न केवल अपने स्वास्थ्य को वापस पाया, बल्कि अपनी आर्थिक स्थिति को भी संभाला। बड़े अस्पतालों पर खर्च करने के बजाय, उन्होंने एक ऐसा इलाज चुना जो कारगर और किफायती था। “यह सिर्फ पैसा बचाने की बात नहीं थी। यह जीवन बचाने की बात थी,” जसविंदर कहते हैं।

निष्कर्ष
जसविंदर सिंह की यह कहानी सिर्फ एक बीमारी से जीतने की नहीं, बल्कि आत्मविश्वास, धैर्य, और सही फैसलों की कहानी है। उनकी यात्रा हमें यह सिखाती है कि जब जीवन कठिन रास्ते पर ले जाए, तो एक नई दिशा और नई सोच कैसे चमत्कार कर सकती है। जसविंदर अब अपनी इस कहानी को दूसरों से साझा कर, उन्हें भी अपने जीवन में उम्मीद और ताकत बनाए रखने की प्रेरणा दे रहे हैं।

Latest Blogs

एलर्जिक राइनाइटिस: कारण, लक्षण, और आयुर्वेदिक उपचार

Allergic Rhinitis

एलर्जिक राइनाइटिस: कारण, लक्षण, और आयुर्वेदिक उपचार

एलर्जिक राइनाइटिस सबसे आम क्रॉनिक बीमारियों में से एक है, जो दुनियाभर में लाखों लोगों को प्रभावित करती है। अनुमान के अनुसार, लगभग 400 मिलियन लोग इस बीमारी से पीड़ित…

NAFLD in Hindi: गैर-शराबी फैटी लिवर रोग : कारण, लक्षण, निदान और रोकथाम रणनीतियां

NAFLD

NAFLD in Hindi: गैर-शराबी फैटी लिवर रोग : कारण, लक्षण, निदान और रोकथाम रणनीतियां

परिचय लिवर, जो मानव शरीर का दूसरा सबसे बड़ा अंग है, त्वचा के बाद, 200 से अधिक महत्वपूर्ण कार्य करता है, जिसमें मेटाबॉलिज्म, विषाक्त पदार्थों को निकालना और प्रोटीन का…

माइग्रेन को समझना: एक व्यापक मार्गदर्शिका

Migraine

माइग्रेन को समझना: एक व्यापक मार्गदर्शिका

माइग्रेन सिर्फ सिरदर्द नहीं है; यह एक गंभीर स्थिति है जो व्यक्तिगत, पेशेवर और सामाजिक जीवन को बुरी तरह प्रभावित कर सकती है। यह जीवन के लिए सीधे खतरा नहीं…

पैंक्रियाटाइटिस: परिभाषा, लक्षण, कारण, प्रकार और आयुर्वेदिक दृष्टिकोण

Pancreatitis

पैंक्रियाटाइटिस: परिभाषा, लक्षण, कारण, प्रकार और आयुर्वेदिक दृष्टिकोण

पैंक्रियाटाइटिस एक ऐसी स्थिति है जिसे केवल वही व्यक्ति समझ सकता है जिसने इसे सहा है — यह अत्यंत दर्दनाक और पीड़ादायक होता है। यह न केवल एक गंभीर समस्या…

आयुर्वेद से पैंक्रियाटाइटिस के उपचार की अद्भुत यात्रा

Pancreatitis

आयुर्वेद से पैंक्रियाटाइटिस के उपचार की अद्भुत यात्रा

परंपरागत ज्ञान से आधुनिक समाधान तक मैं वैद्य बालेंदु प्रकाश, एक पारंपरिक आयुर्वेदिक परिवार में जन्मा। मैंने आयुर्वेदाचार्य (बीएएमएस) की शिक्षा प्राप्त की और आयुर्वेद के पारंपरिक तरीकों से दवाइयाँ…

Where is Padaav Ayurveda located?


Padaav Ayurveda is based in Uttarakhand, with its main hospital located on the outskirts of Rudrapur. In addition, it has clinics in Dehradun and Bengaluru, and its doctors offer monthly consultations in Delhi and Ahmedabad.

What treatments are offered at Padaav Ayurveda?


Padaav Ayurveda offers evidence-based treatments for conditions like:
– Chronic migraines
– Pancreatitis
– Allergic rhinitis
– Childhood Asthma
– PCOS
– GERD
– Chronic Fatigue syndromes
– Certain forms of cancer

How does Padaav Ayurveda approach chronic conditions like migraines?


Padaav Ayurveda treats migraines holistically by addressing root causes through:
– Herbal remedies to reduce inflammation
– Panchakarma therapies like Shirodhara
– Dietary and lifestyle modifications to balance doshas
– Stress management techniques, including pranayam and meditation

Are the treatments at Padaav Ayurveda personalized?


Yes, all treatments at Padaav Ayurveda are personalized. Each patient undergoes a detailed consultation to understand their condition, constitution, and specific needs, ensuring tailored treatment plans.