अग्नाशयशोथ प्रबंधन: आहार, शराब और जीवनशैली से जुड़े मिथकों का खंडन

वैद्य शिखा प्रकाश (पड़ाव) से महत्वपूर्ण रोगी प्रश्नों पर अंतर्दृष्टि

अग्नाशयशोथ (Pancreatitis) के लिए आहार, जीवनशैली और औषधि सहित एक कठोर, बहुआयामी दृष्टिकोण की आवश्यकता होती है। वैद्य शिखा प्रकाश उपचार प्रोटोकॉल से जुड़े सबसे प्रचलित मिथकों को संबोधित करती हैं, इस बात पर ज़ोर देती हैं कि प्रभावी रिकवरी अनुशासनहीनता को खत्म करने और शरीर की प्राकृतिक लय का पालन करने पर निर्भर करती है।

भाग 1: आहार और पाचन के अटल नियम

भोजन से जुड़ी गलत जानकारी अक्सर रोगियों को ठीक होने से रोकती है। वैद्य प्रकाश सामान्य आहार संबंधी मिथकों को स्पष्ट करती हैं:

  1. फैट को पूरी तरह से शून्य करना आवश्यक है: यह गलत है। शून्य वसा से सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी हो जाती है। वसा का सेवन मॉडरेशन से कम होना चाहिए, और रोगी को उपभोग किए जा रहे वसा के प्रकार के प्रति सचेत रहना चाहिए।

  2. छोटे, बार-बार भोजन से शून्य लाभ: यह गलत है। छोटे, बार-बार भोजन करना आवश्यक है। वे अग्नाशय पर तनाव कम करते हैं, जो स्वयं उपचार के रूप में कार्य करता है।

  3. उच्च फाइबर वाला आहार सभी के लिए एकदम सही है: यह गलत है। हालांकि यह आम तौर पर स्वस्थ है, गंभीर रूप से खराब पाचन वाले रोगियों में उच्च फाइबर ब्लोटिंग और गैस का कारण बन सकता है। आहार को रोगी की वर्तमान पाचन क्षमता के अनुरूप बनाना चाहिए।

  4. अधिक प्रोटीन खाने से अग्नाशय को नुकसान होता है: यह गलत है। प्रोटीन एक बुनियादी आवश्यकता है। न्यूनतम आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए रोगियों को प्रति किलोग्राम शरीर के वजन पर 0.8 से 1 ग्राम प्रोटीन का सेवन करना चाहिए।

  5. नाश्ता छोड़ना हानिकारक नहीं है: यह गलत है। भोजन छोड़ना खाने के लंबे अंतराल का निर्माण करता है, जिससे एसिड रिफ्लक्स और अग्नाशय पर तनाव बढ़ता है। नाश्ता करना लंबे अंतराल और रिफ्लक्स को रोकता है।

भाग 2: महत्वपूर्ण कड़ी: शराब, धूम्रपान और नींद

वैद्य प्रकाश दृढ़ता से स्थापित करती हैं कि जीवनशैली के विकल्प अक्सर प्राथमिक ट्रिगर और रिकवरी में बाधा होते हैं।

1. शराब और धूम्रपान (शून्य सहनशीलता)

  • मिथक: अग्नाशयशोथ के बाद मध्यम मात्रा में शराब पीना सुरक्षित है। यह स्पष्ट रूप से झूठा और असंवेदनशील है। शराब के सेवन (मात्रा या प्रकार की परवाह किए बिना) और अग्नाशयशोथ के बीच एक सीधा, स्थापित संबंध है। कोई भी डॉक्टर निदान के बाद शून्य शराब सेवन की सलाह देगा।

  • मिथक: धूम्रपान छोड़ने से कोई फर्क नहीं पड़ता। धूम्रपान छोड़ने का अग्नाशय पर सीधा सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसे तुरंत बंद कर देना चाहिए।

2. जैविक घड़ी (सर्केडियन लय)

  • मिथक: नाइट शिफ्ट/अनियमित भोजन से अग्नाशय पर कोई असर नहीं होता। यह बीमारी का एक प्रमुख कारण है। शरीर में एक महत्वपूर्ण जैविक घड़ी (दिनचर्या) होती है । व्यवधान (जैसे, रात में जागना, या रात्रि जागरण) के कारण:

    • सूजन संबंधी परिवर्तन

    • हार्मोनल परिवर्तन

    • इंसुलिन प्रतिरोध

    • यह सीधे अग्नाशयी स्वास्थ्य पर तनाव डालता है और बीमारी को ट्रिगर कर सकता है।

भाग 3: उपचार और नैदानिक स्पष्टता

वैद्य प्रकाश अस्पताल के उपचार और आवश्यक सप्लीमेंट्स से संबंधित भ्रम को संबोधित करती हैं।

  • IV फ्लूइड्स ही अंतिम नहीं हैं: तीव्र हमले के दौरान, सूजन वाले अग्नाशय को आराम देने के लिए एनबीएम (मुंह से कुछ नहीं) और IV फ्लूइड्स सबसे अच्छा प्रारंभिक उपचार है। हालांकि, जैसे ही दर्द कम होता है, नरम भोजन के साथ धीरे-धीरे रि-फीडिंग शुरू की जाती है। दर्द पूरी तरह से शून्य होने तक लगातार IV ड्रिप एक पुराना दृष्टिकोण है।

  • हाइड्रेशन साल भर आवश्यक है: पानी का सेवन सिर्फ किडनी या गर्म मौसम के लिए नहीं है। निर्जलीकरण अग्नाशयी रसों को गाढ़ा (viscous) कर देता है, जो हानिकारक है। हाइड्रेशन साल के 365 दिन प्रासंगिक है।

  • सप्लीमेंट्स आवश्यक हैं: सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी (जैसे विटामिन डी और कैल्शियम) की जाँच करना कोई सनक नहीं बल्कि क्रोनिक देखभाल का एक अनिवार्य हिस्सा है। सप्लीमेंट्स डॉक्टर की देखरेख में लिए जाने चाहिए।

  • व्यायाम: बहुत अत्यधिक व्यायाम रोग को बदतर बना सकता है, लेकिन अगर कोई सक्रिय फ्लेयर-अप नहीं है तो डॉक्टर द्वारा निर्देशित हल्का व्यायाम ठीक है। रोगी को हमेशा अपने शरीर की “क्षमता” (बल) के भीतर व्यायाम करना चाहिए।

  • तनाव प्रबंधन: तनाव कई इडियोपैथिक (अज्ञात कारण) अग्नाशयशोथ मामलों में एक प्रमुख अंतर्निहित कारक है। नींद, उचित आहार और ग्राउंडिंग गतिविधियों के माध्यम से तनाव का प्रबंधन महत्वपूर्ण है, क्योंकि तनाव सीधे सूजन से जुड़ा हुआ है।

  • संयोजन उपचार: केवल आहार कभी भी पर्याप्त नहीं है। प्रभावी उपचार में आहार (Diet), विहार (जीवनशैली/विश्राम), और औषधि (Medicine) के संयोजन शामिल हैं।

वैद्य प्रकाश दृढ़ता से सलाह देती हैं कि रोगी कभी भी स्वयं दवा न लें और सूजन को ट्रैक करने, जटिलताओं को रोकने और अपनी रिकवरी बनाए रखने के लिए हमेशा पेशेवर सलाह लें।

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Where is Padaav Ayurveda located?


Padaav Ayurveda is based in Uttarakhand, with its main hospital located on the outskirts of Rudrapur. In addition, it has clinics in Dehradun and Bengaluru, and its doctors offer monthly consultations in Delhi and Ahmedabad.

What treatments are offered at Padaav Ayurveda?


Padaav Ayurveda offers evidence-based treatments for conditions like:
– Chronic migraines
– Pancreatitis
– Allergic rhinitis
– Childhood Asthma
– PCOS
– GERD
– Chronic Fatigue syndromes
– Certain forms of cancer

How does Padaav Ayurveda approach chronic conditions like migraines?


Padaav Ayurveda treats migraines holistically by addressing root causes through:
– Herbal remedies to reduce inflammation
– Panchakarma therapies like Shirodhara
– Dietary and lifestyle modifications to balance doshas
– Stress management techniques, including pranayam and meditation

Are the treatments at Padaav Ayurveda personalized?


Yes, all treatments at Padaav Ayurveda are personalized. Each patient undergoes a detailed consultation to understand their condition, constitution, and specific needs, ensuring tailored treatment plans.